पटना। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव तथा प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बीच तू तू मैं मैं अब परिवार तक पहुंच गया है। बीते दिनों प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद के पक्ष में बोलने वाले तेजस्वी यादव को भी अब तेजप्रताप नहीं छोड़ रहे। अब तक एनडीए के नेता ही तेजस्वी यादव को प्रवासी बिहारी मानते थे जिनका बिहार की समस्या को लेकर कोई मतलब नहीं होता है। उनके मुख्यमंत्री पद की दावेदारी पर सवाल उठाते थे लेकिन अब राजद के अंदरखाने से ही तेजस्वी यादव के सीएम पद की उम्मीदवारी पर सवाल उठा दिया गया है। यह सवाल उठानेवाला भी कोई और नहीं है बल्कि खुद को तेजस्वी का कृष्ण बतानेवाले तेज प्रताप यादव हैं। तेजप्रताप ने तेजस्वी यादव पर हमला बोलते हुए कहा है कि वह नेता प्रतिपक्ष हैं ऐसे में उन्हें बाढ़ पीडि़तों के बीच होना चाहिए लेकिन वह दिल्ली में बैठे हैं। ऐसे में बिहार की जनता उन्हें अपना सीएम कैसे मानेगी।
तेजप्रताप ने यहीं पर नहीं रूके उन्होंने कहा कि तेजस्वी के कृष्ण यानी तेजप्रताप यादव को आज अपने अर्जुन तेजस्वी यादव की संभावित सफलता पर ही आशंका होने लगी है। तेजप्रताप कहते हैं कि जबतक तेजस्वी के अगल बगल शिशुपाल और दुर्योधन जैसे लोग रहेंगे उनका बिहार का मुख्यमंत्री बनने का सपना कभी पूरा नहीं हो सकता।
तेजप्रताप का कहना है कि तेजस्वी सदन में नेता प्रतिपक्ष हैं ऐसे में उन्हें बाढ़ पीडि़तों के बीच होना चाहिए लेकिन अपने सलाहकार संजय यादव की सलाह पर वो बाढ़ पीडि़तों को छोड़कर दिल्ली चले गए।
तेजप्रताप ने कहा कि ऐसे लोग जबतक तेजस्वी के आसपास रहेंगे हमारा अर्जुन कामयाब नहीं होगा और बिहार का सीएम नहीं बन पाएगा। जिस तरह से तेज प्रताप ने तेजस्वी यादव के सीएम बनने को लेकर सवाल उठाए हैं। उसके बाद राजद के विरोधियों को मौका मिल गया है यह कहने का कि तेजस्वी यादव बिहार की समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं होते हैं और हर बार भाग जाते हैं।
एनडीए की तरफ से हर बार तेजस्वी को प्रवासी बिहारी कहा जाता रहा है। अब तेजस्वी के कबूलनामे के बाद यह बात सही साबित हो गई है। वहीं तेजप्रताप की सुरक्षा में लगे जवानों को भी हटा लिया गया है। तेजप्रताप ने कहा कि किसके आदेश से मेरी सुरक्षा हटा ली गयी है। इस मामले में मेरे सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ आईजी सुरक्षा को कार्रवाई करनी चाहिए। सुरक्षाकर्मी तेजस्वी के सलाहकार संजय यादव के आदेश पर डयूटी छोड़ चुके है।
श्वेता / पटना